शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010



पंछी कितने प्यारे

लगते सबको न्यारे

करते वंहा बसेरा

जहाँ हो पेड़ हरा भरा

आओ इन्हें पुकारें

पर्यावरण सवारें