मेरे उद्योग मेरे प्रोफेशन मेरे प्रान्त मेरी भाषा मेरी बोली मेरी हर पहचान से इतर मेरा जीवन,
सत्य और झुठ से परे सरल हृदय से भरे शब्दों की चासनी नहीं अपितु पावन धारा से बहे मन वाणी और लेखनी का संगम ,
मैं कौन मेरी पहचान क्या मेरा निवास मेरी यात्रा मेरा गंतव्य मेरे स्वप्न मेरे हर अबूझ प्रश्न का उत्तर मेरा अंतर्मन !
Pratibha Katiyar
Pratibha Katiyar