मंगलवार, 2 अगस्त 2016

आत्मविश्वास

rising sun के लिए चित्र परिणामहे सूर्य देव
तुम्हारे होते हुए मैं क्यूँ जलूँ
माना कि रात्रि अंधेरी
पर दिन निकलेगा
सूर्य उगेगा छितिज से आसमान का
आरोहण होगा
एक नया स्वप्न जगेगा
इतनी वैज्ञानिक जागरुकता के बावजूद
मैं क्यों जलूॅ
नहीं इतनी प्रबल महत्वाकांक्षा
बनूं इस ब्रह्माण्ड का एक सितारा
जो रहता सुदूर हमसे लाखों प्रकाश-वर्ष 
महज टिमटिमाता गहन रात्रि
देखो मेरी पृथ्वी पर
रहते हजारों प्रजाति के
नाना जीव-जन्तु और मनुष्य
इनके संग क्यों ना
संवाद स्थापित करूं
क्यों अंधकार को कोसूॅ
प्रलय की आॅधियों से लडूॅ
सफलता के मापदंड और पैमाने
की रूपरेखा गढूं
दूसराें के बताये हुए रास्ते पर
कदम दर कदम चलूं
जो हैं महज लकीर के फकीर
अपनी ही कुत्सित योजनाओं
मान्यताओं के आराजक
लोभी उपासक
इससे अच्छा है
स्वम् को गढ़ॅू
उस पथ पर चलूॅ
जहाॅ जाते हों अनेकों सत्पुरुष
दिखाते राह
बनाते सुगम सरल जीवन का पथ
जटिलताओं में नहीं उलझाते
और ना रचते चक्रव्यूह
करते आशाओं का दीपदान
देते ज्ञान और विश्वास की संपदा
जो बनाते मजबूत प्रकाश स्तंभ।
                          *********  प्रतिभा कटियार।