हे सूर्य देव
तुम्हारे होते हुए मैं क्यूँ जलूँ
माना कि रात्रि अंधेरी
पर दिन निकलेगा
सूर्य उगेगा छितिज से आसमान का
आरोहण होगा
एक नया स्वप्न जगेगा
इतनी वैज्ञानिक जागरुकता के बावजूद
मैं क्यों जलूॅ
नहीं इतनी प्रबल महत्वाकांक्षा
बनूं इस ब्रह्माण्ड का एक सितारा
जो रहता सुदूर हमसे लाखों प्रकाश-वर्ष
महज टिमटिमाता गहन रात्रि
देखो मेरी पृथ्वी पर
रहते हजारों प्रजाति के
नाना जीव-जन्तु और मनुष्य
इनके संग क्यों ना
संवाद स्थापित करूं
क्यों अंधकार को कोसूॅ
प्रलय की आॅधियों से लडूॅ
सफलता के मापदंड और पैमाने
की रूपरेखा गढूं
दूसराें के बताये हुए रास्ते पर
कदम दर कदम चलूं
जो हैं महज लकीर के फकीर
अपनी ही कुत्सित योजनाओं
मान्यताओं के आराजक
लोभी उपासक
इससे अच्छा है
स्वम् को गढ़ॅू
उस पथ पर चलूॅ
जहाॅ जाते हों अनेकों सत्पुरुष
दिखाते राह
बनाते सुगम सरल जीवन का पथ
जटिलताओं में नहीं उलझाते
और ना रचते चक्रव्यूह
करते आशाओं का दीपदान
देते ज्ञान और विश्वास की संपदा
जो बनाते मजबूत प्रकाश स्तंभ।
********* प्रतिभा कटियार।
तुम्हारे होते हुए मैं क्यूँ जलूँ
माना कि रात्रि अंधेरी
पर दिन निकलेगा
सूर्य उगेगा छितिज से आसमान का
आरोहण होगा
एक नया स्वप्न जगेगा
इतनी वैज्ञानिक जागरुकता के बावजूद
मैं क्यों जलूॅ
नहीं इतनी प्रबल महत्वाकांक्षा
बनूं इस ब्रह्माण्ड का एक सितारा
जो रहता सुदूर हमसे लाखों प्रकाश-वर्ष
महज टिमटिमाता गहन रात्रि
देखो मेरी पृथ्वी पर
रहते हजारों प्रजाति के
नाना जीव-जन्तु और मनुष्य
इनके संग क्यों ना
संवाद स्थापित करूं
क्यों अंधकार को कोसूॅ
प्रलय की आॅधियों से लडूॅ
सफलता के मापदंड और पैमाने
की रूपरेखा गढूं
दूसराें के बताये हुए रास्ते पर
कदम दर कदम चलूं
जो हैं महज लकीर के फकीर
अपनी ही कुत्सित योजनाओं
मान्यताओं के आराजक
लोभी उपासक
इससे अच्छा है
स्वम् को गढ़ॅू
उस पथ पर चलूॅ
जहाॅ जाते हों अनेकों सत्पुरुष
दिखाते राह
बनाते सुगम सरल जीवन का पथ
जटिलताओं में नहीं उलझाते
और ना रचते चक्रव्यूह
करते आशाओं का दीपदान
देते ज्ञान और विश्वास की संपदा
जो बनाते मजबूत प्रकाश स्तंभ।
********* प्रतिभा कटियार।
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No dout blog is an important platform for communication with the message but it is more important for the writer to create words with which u can communicate with the heart of the masses . And u have really done this.