प्यारे बच्चों,
देश की समृद्धि और खुशहाली
की तमाम संकल्पऩाओं के उपरान्त,
अवास्तविक सी लगती है
तुम्हारे संघर्षमय जीवन की कठिनाई l
किंतु सबसे अधिक वास्तविक है,
तुम्हारी निर्दोष व निश्छल मुस्कान l
जब तुम्हारे अथक प्रयास,
प्रत्येक बाधाओं से जूझते हुए
तुम्हें मंजिल तक ले जायेंगे,
तब फिर से तराशे जायेंगे
संघर्षमय जीवन के नए आयाम l
और तुम स्वयं,
जीवन का मापदंड हो जाओगे l
प्रतिभा कटियार
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