श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि
मृत्यु तेरा क्या,
तू कब आ धमके।
जब भी आना तेरा स्वागत,
बस जब तू आये,
पछाड़ देना इस जर्जर शरीर को,
पर रखना ध्यान,
मेरे मस्तक पर,
जीवन की विजयी मुस्कान चमके।
-------- प्रतिभा कटियार
शिलांग में उनका आखिरी व्याख्यान हम सबने नहीं सुना पर क्या उनके विना बोले शब्दों का भाव हम नहीं समझ सकते .
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No dout blog is an important platform for communication with the message but it is more important for the writer to create words with which u can communicate with the heart of the masses . And u have really done this.