गुरुवार, 21 मई 2015

एक का गणित

                                                                 एक का गणित 

एक यात्रा,
शुन्य और अनंत के मध्य !
एक खोज,
स्वप्न और गंतव्य के मध्य !
एक ध्वनि,
सन्देश और संवाद के मध्य !
एक आकर्षण,
संयोग और नियति के मध्य !
एक आंदोलन,
समाज और व्यवस्था के मध्य
एक जिज्ञासा,
प्रश्न और प्रति-उत्तर के मध्य !
एक कोलाहल,
प्रकृति और मानव के मध्य
एक समीकरण,
तथ्य और दृष्टांत के मध्य !
एक संगत,
गेय और गायक के मध्य
एक संस्कार,
विचार और कर्म के मध्य
एक सोच
प्रयोग और परिणाम के मध्य !
एक आशा,
जीवन और प्रवाह के मध्य !
एक टकराव,
अहम और आत्मा के मध्य !
एक गरिमा,
स्वाभिमान और अहंकार के मध्य !
एक ठहराव,
अतीत और वर्तमान के मध्य !
एक गति,
वर्तमान और भविष्य के मध्य !
एक पैमाना
पूंजी और श्रम के मध्य !
एक द्वन्द,
दो छोर के मार्ग के मध्य !
एक विद्रोह,
भक्त और भगवान के मध्य !
एक आभास,
कल्पना और यथार्थ के मध्य !
एक सूर्य,
क्षितिज और आसमान के मध्य !
एक आलोक,
प्रकाश और अंधकार के मध्य !
एक तरलता,
सघन और विरल के मध्य
एक आह्वान,
पुकार और आगमन के मध्य!
एक संघर्ष,
भाग्य और पुरुषार्थ के मध्य!
                एक संवाद             
    मूक और वाणी के मध्य !
एक समीपता,
आस्था और विश्वास के मध्य!
एक  समाधान,
समस्या और सलाह के मध्य !
एक उत्साह,
कर्तव्य और निष्ठा के मध्य !


                                                                                               ******  प्रतिभा कटियार 






 


 
 


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